बिलासपुर (मस्तूरी)। पिता और बेटा मछली पकड़ने अरपा नदी गए थे। जहां वे करंट लगाकर मछली पकड़ रहे थे। इस दौरान युवक खुद ही करंट की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
मस्तूरी क्षेत्र के पंचायत पाली इटवा निवासी कन्हैया लाल केवट अपने पिता बहोरिक लाल उम्र 32 वर्ष पेसे से मछली मारने का कार्य करते हैं। दोनों ही मंगलवार की सुबह 9 बजे गांव में ही स्थित अरपा नदी में मछली मारने के लिए घर से निकले थे। लगभग 1 बजे करंट लगाकर मछली मारने के दौरान करंट लगाकर मछली मार रहे थे। उसी दौरान बेटा कन्हैया करंट की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई। आधे घंटे बाद जब उसके पिता उसके नजदीक आकर देखा तो उसका बेटा मृत पड़ा हुआ था, जिसे आसपास के ग्रामीणों की मदद से मस्तूरी स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। पर वहां कोई डॉक्टर नहीं होने की वजह से परिजन खासा नाराज हुए। लगभग 1 घंटा इंतजार करने के बाद नहीं पहुंचे तो गुस्साए परिजनों ने हॉस्पिटल परिसर में तोड़फोड़ की। फिर मुख्य मार्ग पर चक्का जाम करने की कोशिश की। हालांकी इस दौरान मस्तूरी पुलिस मौके पर पहुंच गई। गुस्साए परिजन और ग्रामीणों को समझाइश देने के बाद मामले को शांत कराया गया। परिजन ने डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर डॉक्टर हॉस्पिटल परिसर में उपस्थित होते तो कन्हैया की जान नहीं जाती उसे बचाया जा सकता था। लगभग 3 बजे के आसपास मस्तूरी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर पहुंचे और पीएम के लिए भेजा गया।

डॉक्टर के खिलाफ विभागीय शिकायत की गई: बीएमओ
मस्तूरी स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉ. नंदराज कंवर से बात की गई तो उसने बताया कि युवक की पहले से ही करंट की संपर्क में आने से मौत हो गई थी। इसमें डॉक्टरों की कोई लापरवाही नहीं है, जिस समय परिजन डेड बॉडी लेकर आए उस समय हॉस्पिटल में डॉक्टर मनीषा नायक की ड्यूटी थी, जो हॉस्पिटल परिसर में उपस्थित नहीं थे। उनके खिलाफ विभागीय शिकायत की गई है।
पुलिस ने समझाइश देकर मामले को शांत कराया: डीएसपी नुपुर
मस्तूरी थाने की प्रशिक्षु डीएसपी नूपुर उपाध्याय ने बताया कि मृतक की मौत करंट के संपर्क में आने से हुई है। डॉक्टर की उपस्थिति हॉस्पिटल परिसर में नहीं होने की वजह से परीजनों ने हॉस्पिटल परिसर में तोड़फोड़ और चक्काजाम करने की कोशिश की है, जिसे पुलिस ने समझाइश देकर मामले को शांत कराया गया। पुलिस मर्ग कायम कर आगे की कार्रवाई कर रही है।