बिलासपुर (मस्तुरी) | सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की जांच और इलाज के एवज में 1000 से लेकर 1500 रुपए तक ले रहे हैं। यहां के डॉक्टर समेत सभी रुपए लेकर ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
इन दिनों मस्तूरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के नाम पर रुपए लेने का खेल जोरों से जारी है। जहां निशुल्क इलाज होना है वहां अलग-अलग इलाज के लिए रेट फिक्स है। हाथों पर प्लास्टर के लिए अलग रेट और बुखार होने पर अलग रेट और कोई भी समस्या सबके लिए अलग रेट तय है। वहीं ड्रेसर पट्टी लगाने का अलग से रुपए भी लेते हैं। जब हमने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि अगर आपको जांच और इलाज कराना है तो 1 हजार से 1500 रुपए तक देना होगा।


फोटो के माध्यम से साफ देख सकते हैं कि किस तरह एनआरएचएम पद पर पदस्थ रानी दिक्षित मरीज से रुपए लेकर डॉक्टर अनिल कुमार को 1 हजार पूरा है कहकर डॉक्टर अनिल के दराज में पैसा डाल रही तो वहीं ड्रेसर श्याम रतन पैसा लेकर जेब मे डालते दिख रहे हैं। इस तरह पूरा सिस्टम ही भ्रष्टाचार में लिप्त है।

वहीं एक महिला भी वहां इलाज कराने पहुंची थी। जब उनसे पूछा गया कि रुपए लिया जात है क्या, तो उसने बताया कि डॉक्टर ने उससे प्लास्टर लगाने के नाम पर हजार रुपए लिए और पट्टी के लिए बाहर मेडिकल दुकान पर भेजा है। जहां 300 रुपए की पट्टी खरीदा है। इस तरह कुल 1500 रुपए उसके खर्च हो गए हैं। मस्तूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का पूरा स्टाफ भ्रष्टाचार में डॉक्टर, नर्स, ड्रेसर, बाहर मेडिकल दुकान लिप्त है। बिलासपुर टाइम्स के पास सभी तथ्य मौजूद हैं।
कुछ माह पहले नयाब तहसीलदार ने भी काम के एवज में मांगे थे शराब
हाल ही में मस्तूरी तहसील कार्यालय में पदस्थ नायब तहसीलदार रमेश कुमार कमार का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे किसान अपनी जमीन दुरुस्त कराने गया था। उसके काम के एवज में किसान से नयाब तहसीलदार (ब्लेंडर्स प्राइड) शराब मांग रहे थे। वीडियो वायरल होने के बाद में कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई करते हुए नयाब तहसीलदार को निबलंवित कर दिया था और कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा बिलासपुर कमिश्नर से की थी।