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सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण से शैक्षणिक संस्थानों व रोजगार में मिलेगी मदद: प्रशांत

बिलासपुर |भाजपा युवा मोर्चा के बेलतरा विधानसभा मध्य मंडल महामंत्री प्रशांत गौरहा ने आर्थिक रूप से पिछड़े हुए सामान्य वर्ग के लोगों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 10% आरक्षण देने के पक्ष में फैसले स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे कमजोर सवर्णों की स्थिति में सुधार होगा।

सोमवार को देश के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया है। वर्ष 2019 में संसद में पारित किए गए 103वें संवैधानिक संशोधन को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। 103वां संविधान संशोधन कानून सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण शैक्षणिक संस्थानों और रोजगार में मुहैया कराता है। केंद्र सरकार द्वारा इस अधिनियम को पारित कराने के साथ ही कई तरह के सवाल लगातार उठाए जा रहे थे, जिसमें इसकी संवैधानिक वैधता पर सबसे बड़ा सवाल था। केंद्र सरकार ने साल 2019 में संविधान में 103वां संशोधन करके सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण की व्यवस्था की।

सुप्रीम कोर्ट।

पहले जाति के आधार पर ही मितला था आरक्षण

प्रशांत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आर्थिक रूप से पिछड़े हुए सामान्य वर्ग के लोगों को शैक्षणिक संस्थानों व रोजगार मुहैया कराने में मदद मिलेगी। गरीब व पिछड़े तबके के लोगों को आगे बढ़ने में, सामाजिक व आर्थिक समानता मिलेगी। साथ ही बताया कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम ऐतिहासिक था, क्योंकि इससे पहले सिर्फ जाति के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था थी, लेकिन इस संशोधन के जरिए आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की गई।

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